भारत का इतिहास: Chandrayaan-3 ने चांद पर किया लैंड

चंद्रयान-3 के माध्यम से भारत ने चंद्रमा के सत्र में अपने कदम बढ़ाए।

Chandrayaan-3: यात्रा की शुरुआत

14 जुलाई 2023 को Chandrayaan-3 को LVM3-M4 रॉकेट से लॉन्च किया गया।

अनूठा मिशन: चांद पर पहुंचने की यात्रा

स्पेसक्राफ्ट ने 42 दिनों में 3.84 लाख किलोमीटर की दूरी तय करते हुए चांद के पास पहुंचने का सफर तय किया।

चांद पर उत्कृष्ट नेविगेशन कौशल

चंद्रयान-3 ने चांद के सत्र में तय समय पर बेहतर दूरी हासिल करने के लिए अपने नेविगेशन कौशल का प्रदर्शन किया।

अत्यंत महत्वपूर्ण: Vikram लैंडर

Chandrayaan-3 के लैंडर का नाम इस बार Vikram नहीं, बल्कि वैज्ञानिकों द्वारा 'Vikram' के रूप में जाना जाता है।

सुरक्षित लैंडिंग: नए तकनीकी साधन

Vikram लैंडर में इस बार नए कैमरे और सेंसर्स लगाए गए, जो लैंडिंग को सुरक्षित बनाने में मदद करते हैं।

अहम चरण: प्रोपल्शन मॉड्यूल की भूमिका

प्रोपल्शन मॉड्यूल ने लैंडर को चांद के नजदीकी ऑर्बिट तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अद्वितीय अंत: लैंडिंग का समय

विक्रम लैंडर ने चांद पर उतरने के लिए सही समय की प्रतीक्षा की और उसने सुरक्षितता सुनिश्चित करने के लिए अपने सारे सेंसर्स और इंजनों का प्रयोग किया।

नई दिशाएँ: रोवर का आगमन

रोवर की यात्रा लैंडिंग के तुरंत बाद शुरू होती है, जिससे धूल के प्रभाव से बचा जा सके और नए तथ्यों की खोज हो सके।

अनवरत प्रगति: भारतीय विज्ञान का अद्वितीय क्षेत्र

चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग ने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है।